tag:blogger.com,1999:blog-3778570096826367144.post1897710851563811951..comments2024-03-28T16:09:44.638+05:30Comments on Ground Reality: Food-for-all is possibleDevinder Sharmahttp://www.blogger.com/profile/05867902048509662981noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3778570096826367144.post-17653630313842263742009-06-12T15:16:29.023+05:302009-06-12T15:16:29.023+05:30आदरणीय देवेन्द्र जी मैं आपके इस विचार से सहमत हॅ ...आदरणीय देवेन्द्र जी मैं आपके इस विचार से सहमत हॅ कि भूखे व्यक्ति के लिए रोटी ही भगवान होती है लेकिन भोजन का अधिकार कानून लागू हो जाने से क्या भुखमरी दूर हो जाएगी ? दूसरे कया इससे निठल्लेपन को बढ़ावा नहीं मिलेगा ? मैं उत्तर प्रदेश के एक गांव का व्यक्तिगत अनुभव बता रहा हॅँ कि वहां के गरीब लोग बंटाई पर खेती करना व दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना छोड़ दिया है। वे कहते हैं कि जब सरकार नाममात्र की कीमत पर 35 किलो अनाज दे रही है तो हम मेहनत क्यों करें ? मैं भुखमरी या अकाल का समर्थन नहीं कर रहा हॅू लेकिन भुखमरी दूर करने का यह संकुचित रास्ता है । सरकार को चाहिए कि वह कृषि में निवेश बढ़ाए ओर कृषि व ग्रामीण जीवन का विविधीकरण करे । इससे न केवल खाद्य अपितु पोषण सुरक्षा भी हासिल होगी । राजस्थान के अलवर क्षेत्र में तरुण भारत संघ के प्रयासों से जल संरक्षण के परंपरागत उपायों को अपनाकर श्वेत क्रांति लाई गई । इससे अलवर क्षेत्र में विकास की नई गाथा लिखी गई । इसी प्रकार के देशव्यापी प्रयासों की जरूरत है । <br />रमेश दुबेAnonymousnoreply@blogger.com